CG News : पूर्व सीयम भूपेश बघेल का चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
CG News : छत्तीसगढ़ से चुनाव को लेकर मामला सामने आया है, जिसमें चुनाव भले ही अभी दूर क्यों न हो लेकिन सियासी तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है, पूरे देश भर में चुनाव आयोग को लेकर चल रहे धौल- धप्पा के बीच छत्तीसगढ़ में भी इससे संबंधित सियासत शुरू हो चुकी है.
जानिए क्यों आयोग पर उठे सवाल
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस ने आयोग पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि, आयोग अब कोई स्वतंत्र संस्था नहीं, बल्कि सरकार के अधीन विभाग की तरह ही काम कर रहा है.
क्या हैं ? पूर्व मुख्यमंत्री के कथन
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कहा गया कि, चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण SIR से जुड़ी बैठकों में किसी भी राजनितिक दल को नही शामिल किया गया, बघेल ने बताया की लोकतंत्र का अस्तित्व राजनीतिक दलों से है और अगर किसी एक ही दल को सिर्फ सहानुभूति दी गई तो भारत और चीन में कोई अंतर नही रह जाएगा.
आखिर क्यों ? आयोग का रवैया सवाल खड़े करता है
कांग्रेस के आरोपों के मुताबिक, भाजपा नें तीखी प्रतिक्रिया दी, उपमुख्यमंत्री का कहना है कि आयोग की क्रिया पुर्णतः कानूनी और पारदर्शी है. किसी मतदाता का नाम सूची में है या नहीं इसकी जांच करना आयोग का दायित्व है. अगर नाम गलत ढंग से जुड़ा है तो उसे हटाना गलत कैसे हो गया. कांग्रेस को पारदर्शिता से दिक्कत है, इसलिए वे आरोप लगा रही हैं.
SIR प्रक्रिया क्या है
SIR अर्थात Special Intensive Revision एक मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया है, इस प्रक्रिया का उद्देश्य प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में मतदाताओं की सटीक सूची तैयार करना है, जानकारी के अनुसार बिहार में SIR की प्रक्रिया 10 सितंबर 2025 को पूरी हो चुकी थी.
SIR प्रक्रिया लागू करने की तैयारी
चुनाव आयोग SIR प्रक्रिया को पूरे देश में लागू करने की तैयारी कर रहा है, जिससे आने वाले चुनावों में वोटिंग सिस्टम और अधिक पारदर्शी हो सके, चुनाव आयोग द्वारा सभी मुख्य चुनाव आयुक्तों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.
जल्द ही पूर्ण होगी कार्यप्रणाली
जानकारी के मुताबिक लगभग चार से पांच दिनों में इस प्रक्रिया की शुरुआत पूरे देश में हो जाएगी और तीन महीनों में पूर्ण होने की संभावना है. यह काम दो चरणों में किया जाएगा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे राज्य, जहां जल्द ही बर्फबारी शुरू हो जाएगी, उन्हें शुरुआती चरण से बाहर किया गया है.
भाजपा के कथन
कांग्रेस द्वारा इसे लोकतांत्रिक संस्थाओं पर असर डालने की कोशिश बताया जा रहा है, वहीं भाजपा के अनुसार यह प्रक्रिया चुनाव को निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक जरूरी कदम है, राजनीतिक दलों का मानना है कि आने वाले कुछ महीनों में यह मामला और भयावह रूप ले सकता है.
पूर्व सीएम ने दिए निर्देश
पूर्व सीएम ने कहा कि, निर्वाचन आयोग ने अपनी पहचान खो दी है और SIR कर रहे हैं तो जितने भी राजनीतिक दल हैं, उनके साथ बैठक करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि यह प्रजातंत्र तंत्र के लिए कर रहे हैं.
निर्वाचन आयोग अब आयोग नहीं रहा
लोकतंत्र का अस्तित्व राजनीतिक दलों से है, निर्वाचन आयोग अब आयोग नहीं रहा, वो केंद्र सरकार के अधीन एक विभाग की तरह व्यवहार कर रहे हैं और पलटवार करते हुए उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेता हमेशा से देश के संविधान और देश की सेना पर सवाल उठाने का काम लगातार किये जा रहे हैं.
उप-मुख्यमंत्री ने जताई गंभीरता
चुनाव आयोग जैसी संस्था जबसे आई है, उसमें किसी को क्या आपत्ति हो सकती है, किसी भी मतदाता जिसका नाम मतदाता सूची में डाला जाए और उसकी जांच करना और गलत ढंग से जो भी नाम जुड़े हैं, उनको हटाना ये कहां से गलत हो सकता है, उन्होंने कहा कि आपकी सोच गलत है इसलिए सारा आरोप आप चुनाव आयोग पर डाल रहे है.
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