CG News : जयपुर के कूकस स्थित होटल फेयर माउंट में ईडी की रेड
CG News : जयपुर के कूकस इलाके स्थित लग्जरी होटल फेयरमाउंट में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने महादेव बेटिंग ऐप घोटाले के सिलसिले में बड़ी कार्रवाई की। छत्तीसगढ़ के रायपुर से पहुंची ईडी टीम को खुफिया इनपुट मिला था कि इस हाई-प्रोफाइल सट्टेबाजी मामले से जुड़े अहम आरोपी होटल में मौजूद हैं।
भोपाल निवासी सौरभ आहूजा को महादेव बेटिंग ऐप केस में एक अहम कड़ी माना जा रहा है। ईडी के अनुसार, उसकी फैमिली ने दुबई में हुई महादेव ऐप के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर की भव्य शादी के लिए चार्टर्ड फ्लाइट बुक करने में मदद की थी। इस शादी में विशेष मेहमानों को निजी विमानों से दुबई ले जाया गया था, जो ईडी की जांच का केंद्र है।
जयपुर पहले भी आ चुका है निशाने पर
यह पहली बार नहीं है जब जयपुर में ईडी ने महादेव ऐप को लेकर कार्रवाई की हो। इससे पहले 16 अप्रैल को सोडाला स्थित एपल रेजीडेंसी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था, जहां ड्राय फ्रूट व्यापारी भरत दाधीच के फ्लैट से मनी लॉन्ड्रिंग और शेल कंपनियों से जुड़े अहम दस्तावेज बरामद किए गए थे। उस समय देशभर में 60 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की गई थी।
क्या है महादेव बेटिंग ऐप घोटाला?
‘महादेव बुक ऑनलाइन’ एक अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क है जो क्रिकेट, फुटबॉल और यहां तक कि चुनावों पर भी ऑनलाइन सट्टा लगाने की सुविधा देता है। यह ऐप भारत में लाखों यूज़र्स से जुड़ा है और इसके ज़रिए अब तक हजारों करोड़ रुपये का अवैध लेन-देन हो चुका है। ईडी अब तक इस केस में करोड़ों की संपत्ति जब्त कर चुकी है और दर्जनों गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
जूस विक्रेता से बना सट्टा किंग
छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी सौरभ चंद्राकर, इस घोटाले का मास्टरमाइंड, पहले ‘जूस फैक्ट्री’ नाम से दुकान चलाते थे। 2017 में उनकी मुलाकात इंजीनियर रवि उप्पल से हुई और यहीं से सट्टे का नेटवर्क शुरू हुआ। 2019 में दोनों दुबई शिफ्ट हो गए और वहीं से ‘महादेव बुक’ की शुरुआत की गई।
कैसे बना ये ऐप सट्टेबाजी का साम्राज्य
सोशल मीडिया और पेड प्रमोशन की मदद से इस ऐप ने देखते ही देखते 12 लाख से अधिक यूज़र्स को जोड़ा। अकेले कोरोना काल में आईपीएल के दौरान ऐप के ज़रिए 2,000 करोड़ से ज्यादा का सट्टा खेला गया। वर्तमान में, ऐप से जुड़े यूज़र्स की संख्या 99 लाख से अधिक बताई जा रही है।
जांच जारी, कई बड़े नामों पर नजर
ईडी इस नेटवर्क के ज़रिए क्रिप्टोकरेंसी, हवाला और शेल कंपनियों के माध्यम से की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग की परतें खोल रही है। महादेव ऐप अब सिर्फ एक घोटाले का नाम नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल सुरक्षा और आर्थिक पारदर्शिता के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
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Author: Safeek khan
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