CG News : बीजापुर में मुखबिरी के शक में एक और हत्या, आतंक का राज
CG News : बीजापुर जिले में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में एक युवक की धारदार हथियार से हत्या कर दी। यह घटना 1 जुलाई को उसूर थाना क्षेत्र के पेरमपल्ली गांव में हुई। नक्सलियों ने युवक को घर से निकालकर बेरहमी से पीटा और फिर मार डाला। इन हत्याओं के पीछे सरेंडर कर चुके नक्सली दिनेश मोड़ियम से जुड़े आरोप सामने आ रहे हैं।
बीजापुर में नक्सली आतंक
छत्तीसगढ़ का बीजापुर जिला एक बार फिर नक्सली हिंसा से दहल उठा है। पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने एक युवक की धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी। यह दिल दहला देने वाली घटना उसूर थाना क्षेत्र के पेरमपल्ली गांव में 1 जुलाई को देर रात घटी, जब भारी संख्या में नक्सली गांव पहुंचे और युवक को उसके घर से खींचकर बाहर निकाला। नक्सलियों ने पहले उसे बेरहमी से पीटा और फिर मौत के घाट उतार दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद, नक्सली शव को गांव में ही छोड़कर घने जंगल की ओर फरार हो गए। मृतक युवक की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है।
15 दिनों में 6 हत्याएं, खौफ का माहौल
यह कोई अकेली घटना नहीं है, जिसने बीजापुर में दहशत फैलाई है। पिछले मात्र 15 दिनों के भीतर मुखबिरी के शक में 6 लोगों की हत्या की जा चुकी है, जो इलाके में बढ़ते नक्सली आतंक का स्पष्ट संकेत है।
इससे पहले, 17 जून को पेद्दाकोरमा गांव में नक्सलियों ने तीन ग्रामीणों को गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया था। मृतकों में एक 13 वर्षीय छात्र, एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्र और एक स्थानीय युवक शामिल थे। नक्सलियों ने इस दौरान गांव के 10 से ज्यादा लड़कों को अगवा भी किया, हालांकि बाद में पिटाई कर उन्हें छोड़ दिया गया।
सरेंडर किए नक्सली से जुड़ा कनेक्शन
इन बर्बर हत्याओं के पीछे सरेंडर कर चुके डीवीसीएम कैडर के नक्सली दिनेश मोड़ियम का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि मारे गए ग्रामीण उसी के रिश्तेदार थे। नक्सलियों का आरोप है कि इन लोगों ने दिनेश को आत्मसमर्पण करने के लिए उकसाया और बदले में पैसे लिए, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें ‘सजा’ के तौर पर मौत के घाट उतार दिया गया।
पूर्व नक्सली भी नहीं बख्शे गए
कुछ ही दिनों बाद, 22 जून को पामेड़ थाना क्षेत्र में भी दो और लोगों की हत्या कर दी गई। इनमें 2025 में आत्मसमर्पण कर चुका पूर्व नक्सली समैय्या और ग्रामीण वेको देवा शामिल थे। ये दोनों सेंड्राबोर और एमपुर गांव के निवासी थे।
नक्सली हिंसा का नया केंद्र
छत्तीसगढ़ राज्य गठन (2000) के बाद से अब तक बस्तर संभाग में 1821 लोगों की हत्या नक्सलियों द्वारा की जा चुकी है, जिनमें आम नागरिक, छात्र, पूर्व नक्सली, जनप्रतिनिधि और पुलिसकर्मी शामिल हैं। इन सभी हत्याओं में सर्वाधिक मामले बीजापुर जिले से ही सामने आए हैं, जो इसे नक्सली हिंसा का एक प्रमुख गढ़ बनाते हैं।
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Author: Safeek khan
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