CG News : छत्तीसगढ़ में आफत की बारिश, कई जिलों में येलो अलर्ट!
CG News : पूरे छत्तीसगढ़ में मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो गया है और इसके चलते राज्य के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार हो रही भारी बारिश ने शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
शहरों में जलभराव, गांवों में तबाही
रायगढ़ में आज सुबह से हो रही तेज बारिश से दुर्गा विहार कॉलोनी, विनोबा नगर और अन्य मोहल्लों की सड़कों और घरों में पानी भर गया है। वहीं, कोरबा में भी पिछले दो दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण चिमनीभट्ठा क्षेत्र के कई घरों में पानी घुस गया है, जिससे गलियां नदियों का रूप ले चुकी हैं। जगदलपुर के दलपत सागर वार्ड और गायत्री नगर में भी घरों में पानी घुसने से लोग परेशान हैं।
मौसम विभाग का येलो अलर्ट और चेतावनी
मौसम विभाग ने आज सूरजपुर, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB), कोरिया और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिलों के लिए बिजली गिरने और भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, राज्य के अन्य 29 जिलों में गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। विभाग के अनुसार, उत्तर छत्तीसगढ़ में अगले 5 दिनों तक भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है।
रेल यातायात प्रभावित, कई ट्रेनें रद्द
बस्तर क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश का असर रेल यातायात पर भी पड़ा है। कोरापुट-किरंदुल रेल लाइन पर लैंडस्लाइड हो गया है, जिससे चट्टानें और मिट्टी ट्रैक पर आ गिरी हैं। इस कारण रेल मार्ग अवरुद्ध हो गया है, और किरंदुल-विशाखापट्टनम और हिराखंड एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। रेलवे प्रशासन मार्ग को जल्द से जल्द बहाल करने की कोशिशों में जुटा है।
बारिश के आंकड़े और तापमान
1 जून से 2 जुलाई तक प्रदेश में 188.6 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है, जबकि सामान्य रूप से इस अवधि में 215 मिमी बारिश होनी चाहिए थी। यानी, राज्य में अब तक 12% बारिश की कमी रही है। बलरामपुर में सबसे ज़्यादा 345.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 121% अधिक है। वहीं, राजनांदगांव और बेमेतरा में अब तक सबसे कम बारिश हुई है। तापमान की बात करें तो बुधवार को अंबिकापुर 30.6°C के साथ सबसे गर्म रहा, जबकि पेंड्रा 21.2°C के साथ सबसे ठंडा दर्ज किया गया।
आकाशीय बिजली का बढ़ता खतरा
राज्य के कई हिस्सों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब विपरीत दिशा से उठे बादल टकराते हैं, तो घर्षण से बिजली पैदा होती है जो धरती पर गिरती है। ऐसे में इंसान का बिजली के संपर्क में आने पर कंडक्टर बन जाना जानलेवा साबित हो सकता है, जैसा कि जयपुर के आमेर महल में हुए हादसे में देखा गया था।
इस साल मानसून 24 मई को ही केरल पहुंच गया था, जो सामान्य तिथि 1 जून से काफी पहले है। छत्तीसगढ़ में मई के अंत तक ही मानसून की 373% से अधिक बारिश हो चुकी थी। हालांकि, पिछले 12 दिनों से मानसून ठहरा हुआ है और आगे नहीं बढ़ रहा है। यदि ‘मानसून ब्रेक’ की स्थिति नहीं बनी तो इस बार इसका लंबा और लाभदायक प्रभाव पड़ सकता है।
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Author: Safeek khan
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