Political News : एक ऐसा सुसाइड केस जिसने 187 करोड रुपए के स्कैम को उजागर किया
यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के मैनेजर, कॉरपोरेशन सीनियर अधिकारी, मंत्री का मुझ पर फंड ट्रांसफर करने के लिए दबाव बना रहे थे
Political News : सुसाइड के सामने आने के बाद कर्नाटक में 94 करोड़ रुकापए स्कैम सामने आया है इन पैसो का इस्तेमाल सेडुँल ट्राइब की जरूरत के लिए इस्तेमाल होना था, मगर फर्जी साइन के सहारे इसे कारपोरेशन के अकाउंट में गायब कर दिया गया है यह फंड तेलंगना कर्नाटक और आंध्र प्रदेश भेजा गया है.
विपक्ष की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान यह सारा पैसा भेजा गया था जैसे ही विवाद तूल पकड़ने लगा कर्नाटक सरकार के शेड्यूल ट्राइबर मिनिस्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिए.
SIT और सीबीआई दोनों ही लगातार इस मामले की जांच में जुटी हुई पर अभी तक कुछ सामने नहीं आया है चंद्रशेखर की पत्नी ने पहली मुलाकात में यह सारी जानकारी बताइ, पत्नी का यह भी कहना था कि चंद्रशेखर पिछले 3 महीने से काफी परेशान थे वह उनसे बात भी नहीं कर रहे थे
चंद्रशेखर पर दबाव था
इंडियन कंपनीज एक्ट 1956 के तहत कर्नाटक ट्राईबल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड संस्था, शेड्यूल ट्राईबल कम्युनिटी के लिए सेल्फ एंप्लॉयमेंट के लिए स्कीम लॉन्च करती है इसी के फंड में घोटाले का आप सामने आ रहा है चंद्रशेखर पर किसी भी तरह का खुलासा नहीं करने का दबाव बनाया जा रहा था
फंड को फेक सिग्नेचर के माध्यम से भेजा गया
कॉरपोरेशन के एम.डी. चंद्रशेखर द्वारा मामले की शिकायत 29 मई को दर्ज कराई थी शिकायत में 94 करोड रुपए को र्फर्जी तरीके से ट्रांसफर करने का उल्लेख था यह सभी रुपए जाली सिग्नेचर की सहायता से अलग-अलग खातों में भेजे गए थे,
फंड के लिए फेक अकाउंट्स भी खोले गए
15 एकाउंट्स में अवैध तरीके से फंड को भेजा गया उसमें से कुछ अकाउंट 21 मार्च को ही खुले गए थे, यह सारे बैंक अकाउंट हैदराबाद के आर.बी.एल. बैंक के थे,
फाइनेंशियल ईयर के आखिरी दिन स्टेट ट्रेजरी से कॉरपोरेशन अकाउंट में 50 करोड रुपए ट्रांसफर हुए इसके बाद कारपोरेशन के खाते में कुल 187 करोड़ रुपए बचे थे,
31 मार्च के ही दिन कॉरपोरेशन बोर्ड मीटिंग द्वारा यह तैय किया गया था कि 50 करोड रुपए की एफडी 1 साल के लिए कर दी जाए और उसी दिन ही 50 करोड रुपए की एफडी दिखाकर 45 करोड रुपए का लोन लिया था सारे ट्रांजैक्शन एक ही दिन में हुए थे इस पूरे मामले में बैंक अधिकारियों के अलावा कारपोरेशन के भी लोन शामिल थे
सुसाइड नोट में क्या लिखा था
स्केम की फुल राशि 187 करोड रुपए की है अलग-अलग अकाउंट में पहले ही 87 करोड रुपए ट्रांसफर कर दिए गए थे कुछ खाते तो जानी-मानी आईटी कंपनी के थे, और कुछ खाते बेस्ट कोऑपरेटिव बैंक, हैदराबाद के थे
कर्नाटक सरकार अब आरोपो के घेरे में
कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है और बीजेपी अब कांग्रेस पर इस घोटाले को लेकर हमलावर नजर आ रही है बीजेपी स्टेट प्रेसिडेंट का कहना है की, फाइनेंस मिनिस्ट्री के अप्रूवल के बिना यह करप्शन संभव ही नहीं हो सकता, फाइनेंस मिनिस्ट्री का जो पोर्टफोलियोहै वह सिद्धा रमैया के पास है, भाजपा द्वारा इस मुद्दे को इतना तूल पकड़ा गया कि उसके बाद कर्नाटक सरकार के शेड्यूल मिनिस्टर पी. नागेंद्र के द्वारा मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया गया