PM-JANMAN: जनजातीय आदिवासी समुदाय के जीवन को और भी बेहतर एवं सुचारु रूप से उनके जीवन में बेहतर बदलाव लाने के लिए पीएम जनमन यानी प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी महा अभियान (PM-JANMAN) चलाया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत कई सारे महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे, जिससे कि जनजातीय आदिवासी समुदायों के जीवन में एक बेहतर बदलाव होगा। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जनजाति गौरव दिवस’ पर इस अभियान की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान यानी पीएम जनमन (PM-JANMAN) उस अंत्योदय की दृष्टि का हिस्सा है जिसका उद्देश्य अंतिम छोर पर खड़े आखिरी व्यक्ति को सशक्त बनाना है। खासतौर पर कमजोर जनजातीय समूह यानी पीवीटीजी के सामाजिक- आर्थिक कल्याण के लिए इस पहल की शुरुआत की गई है। पीएम जनमन योजना के लिए, लगभग 24000 करोड़ रुपए के बजट के साथ 9 मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर केंद्रित है।
ये है 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेप :
• सबको पक्का घर
• हर घर नल से जल
• गांव गांव तक सड़क
• हर घर बिजली
• शिक्षा के लिए छात्रावास
• कौशल विकास
• दुरदराज गांव तक मोबाइल मेडिकल यूनिट
• सबको पोषण
• उन्नत आजीविका
• दूर दराज गांवों तक मोबाइल नेटवर्क
• आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण

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कौन है पीवीटीजी (PVTG)?
1973 में ढेबर आयोग ने आदिम और जनजातीय समुदायों (PVTG) को एक खास श्रेणी के रूप में स्थापित किया। इस समूह में घटती या स्थिर आबादी , पूर्व कृषि प्रौद्योगिकी का उपयोग, आर्थिक पिछड़ेपन और कम साक्षरता वाले जनजातीय समुदायों को शामिल किया गया। इस समूह की पहचान जनजातीय सदस्यों के बीच कम विकसित के रूप में की जा सकती है। वर्ष 2006 में भारत सरकार ने पीवीटी का नाम बदलकर पीवीटीजी कर दिया जो कि दूर दराज और दुर्गम इलाकों में रहते हैं। साथ ही खराब बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक सहायता के कारण चुनौतियों का सामना करते हैं।

क्या है पीवीटीजी की कुल संख्या?
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजाति की आबादी 10.45 करोड़ थी। जिसमें से 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह में स्थित 75 समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
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