न्यूज डेस्क: पुलिकट में कुछ दिनों से लगातार प्रवासी बत्तख तथा प्लोवर मृत पाए जा रहे हैं। प्रारंभिक जांच से वन विभाग को संदेह है, कि उनकी मौत कीटनाशक व विषैले उर्वरक खाने की वजह से हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि, पुलिकट एक जैव विविधता क्षेत्र है, बावजूद इसके यहां पर 10 में से एक पक्षी मृत पाए जा रहे हैं। 11 फरवरी के बाद लगभग प्रवासी पक्षी या तो मर रहे हैं या तो असामान्य रूप से नींद में हैं। इसके अतिरिक्त देखे गए कि कई पक्षी सुस्त और तेजी से उड़ने में भी असमर्थ थे। यह कोई सामान्य घटना नहीं है क्योंकि किलावई और वाथु (बत्तख) विशेष रूप से कभी सुस्त नहीं लगते हैं।

स्थानीय मछुआरों ने कहा, कुछ समय पहले स्थानीय वन विभाग अधिकारी द्वारा हमें पक्षियों को न मारने की चेतावनी दी गई थी। ‘तब से हमने जाल नहीं बिछाया’ परंतु कुछ लोगों ने नींद में डूबे पक्षियों को देखा तो, उसे घर ले जाने का अवसर ढूंढ ही लिया। लेकिन वन विभाग टीम के आने के बाद हमारे ग्राम प्रधान ने पक्षियों को नहीं ले जाने की चेतावनी दी ।और गांव के लोगों द्वारा निर्देश का उल्लंघन किए जाने पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया।
चेन्नई के वन्यजीव वार्डन, ई. प्रशांत ने कहा कि, प्रारंभिक प्रशिक्षण तथा पोस्टमार्टम के बाद ऐसा लगता है कि उनकी मौत विषैले उर्वरक के कारण ही हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे नहीं लगता कि किसी ने जानबूझकर जहरीला पदार्थ दिया होगा। हालांकि स्पष्ट विश्लेषण के लिए तमिलनाडु के वेपेरी स्थित पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय को इनके नमूने भेज दिए गए हैं। मुमकिन है कि कुछ दिनों में ही स्पष्ट तस्वीर सामने आ जाएगी।
