Latest News : दिल्ली सीएम पर जमानत के बाद भी कई बंदिशें
Latest News : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिहाई दे दी गयी है. लेकिन वे अब भी बंदिशों के घेरे में है वे सीएम के रूप में ना कोई फैसला कर सकते है और न ही सचिवालय जा सकते है.
इसी के चलते दिल्ली भाजपा “जमानत वाला सीएम” कहकर उन पर प्रहार कर रही है. वही भाजपा के कई नेता दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रहे है. पहले की घटनाओं को मद्दे नज़र रखते हुए कानून के जानकार भी अब केजरीवाल को इस्तीफा देने को कह रहे है.
वही दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील आर के सिंह का कहना है की “मुख्यमंत्री के न होने से दिल्ली के बहुत से काम प्रभावित होते है, मुख्यमंत्री के तौर पर किसी और के चुने जाने की राह साफ़ कर देनी चाहिए. इस से दिल्ली के लोगो को उनके काम करने वाला मुख्यमंत्री मिल सकेगा.
हरयाणा में प्रचार की है इजाज़त
फिलहाल केजरीवाल पर हरयाणा चुनाव प्रचार को लेकर कोई बंदिश नही है, वे हरयाणा चुनाव के प्रचार में पूरी तरह मौजूद रह सकते है और प्रचार भी कर सकते है, वही दूसरी तरफ भाजपा की ओर से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागु करने की मांग जारी रहेगी.
छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा
दिल्ली में है सीएम की आवश्यकता
सुप्रीम कोर्ट के वकील आर के सिंह का कहना है की जब हेमन्त सोरेन और जयललिता पर क़ानूनी कार्यवाही चली तो उन्होंने मुख्यमंत्री का ओहदा दुसरे को सौप राज्य का काम जारी रखा वही ज़मानत मिलने पर सोरेन ने दुबारा मुख्यमंत्री का पद ग्रहण कर लिया.
अब अगर बात करे केजरीवाल की तो कोर्ट ने उन्हें ज़मानत तो दी है लेकिन बंदिशों के साथ, अब अगर राज्य का काम जारी रखने के लिए वे अपने विश्वासपत्र मंत्री सिसोदिया को मंत्री बनान चाहे तो भी एलजी की ओर से क़ानूनी अड़चन पैदा की जा सकती है. वही आर के सिंह के हिसाब से वे किसी भी तरह की विदेश यात्रा पर भी नही जा सकते.
अब जानना ये है की केजरीवाल कब तक इन बंदिशों के घेरे में रहेंगे, क्या दिल्ली को उसका नया मुख्यमंत्री मिल पायेगा या फिर राज्य में दिल्ली भाजपा की मांग के मुताबिक राष्ट्रपति शासन लागू किया जायेगा.