CG News : मीसाबंदी सम्मान के लिए लड़ते रहे, नयी सरकार में मिलेगी 5 साल की पेंशन
CG News : पूर्व में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार थी भूपेश सरकार के दौरान आपातकाल पर मीसाबंदी अपनी सम्मान निधि के लिए लड़ते रहे, अब नयी सरकार में मिलेगी 5 साल की पूरी पेंशन.
पूर्व में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश सरकार थी भूपेश सरकार के दौरान आपातकाल पर मीसाबंदी 5 साल तक अपने सम्मान निधि को पाने के लिए लड़ाई लड़ते रहे, कांग्रेस की भूपेश सरकार में इनकी सम्मान निधि यानी की पेंशन बंद कर दिया था ‘लोकतंत्र सेनानियों’ ने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में अपने न्याय की गुहार लगाते रहे,
इस दौरान हाल के चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की हर हो गई और भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार बनाई, भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अब लोकतंत्र सेनानियों की 5 साल से जो पेंशन रुकी हुई है उसे एक मुस्त में मीसाबंदियो को दी जाएगी
25 जून को ‘भाजपा’ आपातकाल काला दिवस मना रही है जिसका मोर्चा मीसाबंदी संभालेंगे, राज्य सरकार के द्वारा लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि के भुगतान के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 35 करोड़ 42 लाख 68 हजार रुपए का भुगतान कर दिया है, प्रदेश में करीब 350 मीसाबंदियों को तीन अलग-अलग श्रेणियां में पेंशन मिली है श्रेणी नंबर 1 में 10000 रुपए दो में ₹15000 और 3 में 25000 रुपए
सरकार का निर्णय गलत कोर्ट
लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय सहसंयोजक सच्चिदानंद उपासने का कहना है की भूपेश सरकार के द्वारा आपातकाल में मीसाबंदियों को जो पेंशन दी जा रही थी उसे 2019 में बंद कर दिया गया था और सरकार का यह कहना था कि इन आवेदनों को दोबारा से सत्यापन कराया जाएगा लेकिन ना तो सत्यापन हुआ और तो और जो सम्मान निधि मिल रही थी उसे भी बंद कर दिया गया, हाई कोर्ट बिलासपुर में सत्यापन के निर्देश दिए
कोर्ट के निर्देश के बाद ही भूपेश सरकार ने, पूर्व में डॉक्टर रमन सिंह की सरकार में पेंशन वाले आदेश को ही निरस्त कर दिया, इसके बाद फिर से मीसाबंदी ने हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में अपनी अर्जी की थी, कोर्ट ने भी सरकार के निर्णय को गलत बताया है और इसके बाद सुनवाई को डबल बेंच में भेज दिया, उसके बाद सरकार भी मीसाबंदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई, भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील वापस ली और पिछले 5 सालों की राशि एक साथ मीसाबंदियों को दी,