न्यूज डेस्क: मशहूर गायक मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) का निधन हो गया है वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। और पिछले कुछ दिनों से लखनऊ के संजय गांधी पीजी इंस्टीट्यूट मेडिकल साइंसेज (SGPGIMS) में एडमिट थे।
रविवार देर रात उनका हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया। मुनव्वर राणा का जन्म 26 नवम्बर 1952 को उत्तरप्रदेश के रायबरेली में हुआ था । मुनव्वर उर्दू भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे उन्होंने करीब एक दर्जन किताबें लिखीं थी और अपनी शायरी और गजलों को लेकर काफी चर्चित रहते थे। वर्ष 2014 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरुस्कार से सम्मानित किया जा चुका था । इसके इतर उन्हें करीब 25 बड़े अवार्डों से सम्मानित किया जा चुका था।
मुनव्वर राणा की कुछ प्रसिद्ध शायरियां
1.किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई,
मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई।
2.थकान को ओढ़ के बिस्तर में जा के लेट गए,
हम अपनी क़ब्रे मुक़र्रर में जा के लेट गए।
तमाम उम्र एक दूसरे से लड़ते रहे,
मरे तो बराबर में जाके लेट गए।।
3.ऐ अँधेरे देख ले मुँह तेरा काला हो गया,
माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया।
4.जिस्म पर मिट्टी मलेंगे पाक हो जाएँगे हम,
ऐ ज़मीं इक दिन तेरी खुराक हो जाएँगे हम।