Lal Krishna Advani: भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की और इसे ट्विटर यानी एक्स पर पोस्ट किया। लाल कृष्ण आडवाणी भारत रत्न से सम्मानित होने वाले दूसरे बीजेपी नेता होंगे। लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) के लिए इस सम्मान तक पहुंचना एक बड़ा संघर्ष रहा है। उन्होंने गृह मंत्री और सूचना प्रसारण मंत्री के रूप में देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आइए आज जानते हैं पूर्व प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का यहां तक का सफर।
प्रमुख आंदोलनों और रथ यात्रा में छोड़ी अपनी छाप
श्री लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) जी का जन्म 8 नवंबर 1927 करांची(अब पाकिस्तान) में हुआ थाI आजादी (1947) के समय अफरा-तफरी के माहौल को देखकर उन्होंने अपना घर-बार छोड़कर राष्ट्रीय स्वयंसेवकों के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इसके बाद वे संघ के एक प्रसिद्ध प्रचारक बन गए। राजनीतिक जगत में इनकी शुरुआत नगरपालिका से हुई। 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी हुई, तभी से वो राष्ट्रीय प्रेम की भावना को लेकर आगे बढ़ रहे थे। आडवाणी जी (Lal Krishna Advani) एक ऐसे शख्स रहे हैं, जो ज्यादा समय तक पार्टी के अध्यक्ष बने रहे हैं।
निकाली रथयात्रा
1990 में उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या राम मंदिर रथ यात्रा का शुभारंभ किया था, जिसका अंतिम भावुक पल आपने 22 जनवरी को देख लिया होगा I 1999 में गृहमंत्री और 2002 में उपप्रधानमंत्री का पद संभाला। आपातकाल के दौरान बैंगलौर से जनसंघ सेवकों के साथ गिरफ्तार हुए और जेल में कैद हो गए। इसके बाद उन्होंने फिर अपने जिंदगी में पीछे मुड़कर नहीं देखा। आपको बता दें कि आडवाणी जी (Lal Krishna Advani) 5 बार लोकसभा और 4 बार राजयसभा से सांसद रह चुके है I
2015 मे आडवाणी जी को पद्म विभूषण से किया गया सम्मानित
साल 2015 मे आडवाणी जी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया वहीँ अटल बिहारी वाजपेयी तब 90 साल के थे और अस्वस्थ थें। मुखर्जी ने प्रोटोकोल से हट कर पूर्व प्रधानमंत्री के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर जाकर उन्हें भारत रत्न दिया। वाजपेयी के अलावा इसी साल महामना मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया था। 2019 में प्रणब मुखर्जी को भी भारत रत्न से सम्मानित किया।