न्यूज डेस्क: मध्य प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव राम मंदिर के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। बीते दिनों सीहोर के क्रिसेंट वाटर पार्क में बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रदेश के तमाम बड़े नेता विभिन्न क्षेत्रों में जाकर राम मंदिर को लेकर जनता से संवाद करेंगे। जनता के बीच में इस बात को लेकर प्रचार प्रसार किया जाएगा कि रामलला को कौन स्थापित करवाया, किसके प्रयासों से मंदिर बना। इस तरह के तमाम मुद्दों को लेकर बीजेपी लोकसभा चुनाव में जाएगी।कुल मिलाकर यह बात साफ हो गई है कि लोकसभा चुनाव में तमाम मुद्दे दरकिनार कर सिर्फ और सिर्फ राम मंदिर के मुद्दे पर हर लोकसभा क्षेत्र केबूथ स्तर तक बाद पहुंचाई जाएगी.
हालांकि मंदिर के अलावा केंद्र की जल कल्याणकारी योजनाओं को भी जनता के बीच प्रचारित किया जाएगा। मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं, जिसमें 28 सीट पर बीजेपी का कब्जा है। वहीं एक सीट छिंदवाड़ा कांग्रेस के कब्जे में है, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ सांसद हैं। बीजेपी ने इस बार लक्ष्य रखा है कि प्रदेश की 29 की 29 सीटों को अपने पाले में करने का। इसलिए छिंदवाड़ा सीट को लेकर भाजपा एक अलग प्लान के तहत आगे बढ़ रही है।
कांग्रेस के लिए ये चुनौतियां
मध्य प्रदेश में करारी हार के बाद कांग्रेस के सामने आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ी चुनौतियां हैं। कांग्रेस को उम्मीद थी कि 2023 विधानसभा चुनाव में उसे जीत मिलेगी लेकिन जिस तरह से करारी हार हुई उसके बाद कांग्रेस के खेमे में हताशा है। इंडिया गठबंधन को लेकर भी असमंजस की स्थिति है। वहीं नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पूरी ताकत लगाकर मध्य प्रदेश के दौरे पर निकले हैं। भारत जोड़ो यात्रा का द्वितीय चरण भारत जोड़ो ‘न्याय यात्रा’ जो मध्य प्रदेश से भी होकर गुजरेगी उसको लेकर अभी से कांग्रेस तैयारी कर रही है। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की क्या तैयारी है और कहा यह जा रहा है कि लगभग 13 से 14 ऐसी सीटें हैं, जहां पर पूरी ताकत के साथ मजबूती के साथ कांग्रेस चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। लेकिन फिलहाल विधानसभा चुनाव की हार से बाहर निकलना कांग्रेस के लिए अभी भी बड़ा कठिन लग रहा है।