Latest News : अपने ही नेताओं से घिरी सी एम ममता
Latest News : कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कोलेज में 31 वर्षीया ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म की घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की सरकार चारो तरफ से घिरी हुई है,
विपक्ष ने जोरो शोरो से ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है वही सुप्रीम कोर्ट में भी पश्चिम बंगाल सरकार हर तरफ सवालों से घिरी रही. साथ ही डॉक्टर्स ने भी पुरे देश में हडताल की लेकिन ममता बेनर्जी टस से मस नही हुई.
बल्कि पुरे आन्दोलन को लेफ्ट और भाजपा का आन्दोलन बताती रही. पर अब हालात कुछ गंभीर नज़र आते दिख रहे है क्यूंकि अब सवाल उनकी अपनी पार्टी टीएमसी से उठने लगे है, अब उन्ही की पार्टी के नेता अब उनकी सरकार और उनके रवैये पर सवाल उठा रहे है.
ममता अपनी ही पार्टी के नेताओं से घिर गयी
दरअसल आरजीकर मेडिकल कॉलेज में घटित घटना को लेकर भारत में लोगो का गुस्सा अपने चरम पर है, वही हाल ही में कोलकाता की सडकों पर बड़ी संख्या में लोग इस दरिंदगी के खिलाफ मार्च करते नज़र आये.
जनता के इस गुस्से के पीछे का कारण पश्चिम बंगाल की तरफ से उठाये वे कदम बताये जा रहे है जो की इस पुरे मामले पर पर्दा डालते नज़र आ रहे है, जैसे सरकार ने आरजीकर के प्रिन्सिप्ल संदीप घोष को हटाया तो पर वही उन्हें दूसरी जगह फिर नियुक्ति भी दे दी गयी.
जैसे ही घटना के खिलाफ विरोध बढ़ने लगा, टीएमसी ने रेप के मामलो में 10 दिन के भीतर फ़ासी देने के लिए विधानसभा में अपराजिता बिल पेश किया, पारित कराया लेकिन इस पर राज्यपाल द्वारा अभी हस्ताक्षर नही किये गए है.
टीएमसी सांसद ने ममता पर उठाये सवाल
सी एम ममता बनर्जी शायद हालात की गंभीरता को समझने में चुक गई और शायद यही कारण है की विपक्ष तो विपक्ष अब टीएमसी के नेता भी ममता के इस रवैये पर सवाल उठा रहे है,
जवाहर सरकार ने सी एम के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा “पिछले एक महीने से आरजीकर अस्पताल में घटित घटना के खिलाफ हर प्रक्रिया को धैर्यपूर्वक देखा है, और सोच रहा हु की अब पुरानी ममता बैनर्जी की तरह क्यों नही कूद जाती? सीधा जूनियर डॉक्टर से क्यू नही सवाल करती? वह बोले के सरकार द्वारा सभी कदम बहुत देर से उठाये गए है”
इस से पहले जवाहर सरकार ने ममता को पत्र भी लिखा था जिसमे उन्होंने कहा था “मैंने अपने जीवन में सरकार के प्रति इतना गुस्सा और अविश्वास कभी नही देखा”
टी एम सी से इस्तीफा देने के बाद क्या बोले जवाहर
आरजीकर केस के मामले में जवाहर का कहना है की जो लोग इस आन्दोलन में उतरे है वे गैर राजनैतिक है और उनका विरोध सही नही है, उनका इस बात का सीधा सीधा इशारा ममता की तरफ था.
जवाहर सरकार से पहले भी टीएमसी के अन्य राज्यसभा सांसद सुखेदु शेखर रॉय और पार्टी के प्रवक्ता रहे शांतनु सेन टीएमसी के खिलाफ खड़े नज़र आये वही इसके खिलाफ सवाल भी उठाये.
सुखेद शेखर रॉय और शांतनु सेन ने उठाये सवाल
सुखेद शेखर रॉय ने डॉक्टर की हड़ताल के छठे दिन इसका समर्थन करते हुए कहा की “मेरी भी एक बेटी है, और पोती है” उन्होंने यह सवाल किया की दोनों दरिंदो को बचाने की कोशिश क्यों की जा रही है.
वही शांतनु सेन ने घटना के बाद कहा की “असमंजस में है की अपनी बेटी को आरजीकर में नाईट ड्यूटी पर भेजो या नही? मै एक पूर्व आर जि कर हूँ और मेरी बेटी वहा पड़ती है, और बीते कुछ सालो में आर जी कर की चिकित्सक शिक्षा स्थर में भी गिरावट आई है
उन्होंने कहा की “स्वास्थ्य विभाग से सम्बंधित जाच मुख्यमंत्री और स्वास्थ मंत्री ममता बनर्जी तक सही तरीके से नही पहुचाई जा रही” इस बयान के बाद शांतनु को पार्टी प्रवक्ता पद से और कोल्कता नगर निगम के स्वास्थ्य सलाहकार पद से हटा दिया गया.
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Author: Safeek khan
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