PNS-Ghazi: 1971 में भारत-पाक जंग के दौरान पाकिस्तान ने INS- विक्रांत को डूबोने के लिए अपनी नेवल सबमरीन गाज़ी को भेजा था। PNS-Ghazi कराची से 4800 किलोमीटर की दूरी तय करके विशाखापट्टनम पहुंचा। जिसे भारतीय सबमरीन राजपूत ने मध्य रात्रि में डुबोया। इसमें 93 पाकिस्तानी नौ सैनिक मारे गए। PNS- गाज़ी को डूबोने के लिए भारत की पहली ज़ोरदार सैन्यजीत के उच्च बिंदुओं में से एक माना जाता है। पाकिस्तान की पनडुब्बी गाज़ी अमेरिकी पनडुब्बी को रिफिट करके बनाई गई थी।
पहले से मजबूत है भारत
2018 से पहले भारत के पास DSRV जैसी तकनीक नहीं थी। जिससे वे समंदर के अंदर ऐसे पुराने जहाजों और पनडुब्बियों का अवशेष खोज सके। लेकिन अब भारतीय नौसेना ऐसे दो सबमरीन चाहती है, जो दोनों तटों से अवशेषों की खोज कर सके।
परंपरा निभाते नौसैनिक
मलबे का पता लगाने के बावजूद ,भारतीय नौसेना ने नौसेना की सच्ची परंपरा के अनुरूप शहीद हुए सैनिकों को न छूने का फैसला किया। नौसेना सैनिक इन मलबे को शहीद हुए सैनिकों की आत्माओं का अंतिम विश्राम स्थल मानते हैं। इसलिए सम्मान के रूप में छोड़ देते हैं।
इसके अलावा एक जापानी पनडुब्बी RO-110 भी इसी जगह के पास मिली जिसे रॉयल इंडियन नेवी और ऑस्ट्रेलिया नौसेना ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान डुबोया था, जो लगभग 80 साल से समंदर के तलहटी में पड़ी है।
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