Ram Mandir: 22 जनवरी को रामलला की बरसी पर देश में दिवाली मनाई जा रही है। राम मंदिर (Ram Mandir) के प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन पर पुरे देश में उमंग और उत्सव का माहौल हैI मंदिर (Ram Mandir) के भीतर में लगाई जाने वाली घंटी को लेकर बड़ा अपडेट आया है। इसमें लगभग 25 लाख रुपये का खर्च लगा हैI इस घंटे का वजन 2100 किलोग्राम हैI इसे 400 कर्मचारियों ने मिलकर बनाया है। वहीं घंटी के ऊपर जय श्री राम भी लिखा गया है।
आख़िरकार जलेसर की मिट्टी ऐसा क्या है?
उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जलेसर के एक परिवार ने मिलकर इस घंटे को बनाया है। जलेसर कि मिट्टियों से बनी घंटियों कि आवाज 15 किलोमीटर तक सुनाई पड़ती है। इस घंटे कि ऊंचाई छह फिट और चौड़ाई पांच फिट है।
दो समुदाय के लोगो ने मिलकर बना घंटा
घंटी को हिन्दू और मुस्लिम कारीगरों ने मिलकर बनाया है। कारीगर दाऊ दयाल(५०) अष्टधातु के घंटे को बनाने में लगे थे, वहीं इक़बाल
मिस्त्री(५६) इसकी डिजाइनिंग, ग्राइंडिंग और पॉलिशिंग का जिम्मा संभाले थे।
अष्टधातु के मिश्रण से बना घंटा
इसमें सोना, चांदी , कॉपर , जिंक , लेड, टिन और मरकरी का इस्तेमाल किया गया था। वैसे इस घंटे को एक ही साँचे में ढालकर बनाया गया है, हालाँकि प्रायः इतने बड़े घंटे को दो साँचे में ढालकर बनाया जाता है। यह इतिहास में पहली बार हुआ है कि एक ही सांचे में बनाया गया हो।
कारीगर दाऊ दयाल का कहना कि इसके पहले उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के लिए भी 101 किलो का घंटा बना चुके हैं। उन्हीने कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा और भरी घंटा है। हम उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के लिए भी 1000 किलो का घंटा बना चुके हैं।