न्यूज डेस्क: दुनिया भर में हर देश के पास अपनी एक करेंसी होती है, जिसे उस देश की मुद्रा कहा जाता है। उस देश में वही मुद्रा चलती है जो वहां की सरकार के द्वारा लाई जाती है। किसी भी देश की करेंसी (Currency) का मजबूत होना उस देश के मजबूत होने को दर्शाता है, जिस देश में जितने मूल्यवान संसाधन होंगे उसे देश की करेंसी उतनी ही मजबूत होगी। आइए जानते हैं कि किस देश की करेंसी सबसे ज्यादा मजबूत है।
इस देश की मुद्रा है सबसे ताकतवर
आज अगर दुनिया की सबसे ताकतवर करेंसी की बात की जाए तो दुनिया भर में कुवैत (Kuwait) देश की मुद्रा सबसे मजबूत है। कुवैत में मुद्रा (Currency)को दीनार कहा जाता है। भारत में अगर कुवैत के एक दीनार की बात की जाए तो, भारत में इस वक्त कुवैत देश के एक दीनार की कीमत 268 रुपए के बराबर है यानी कि आपको एक कुवैती दिनार के लिए 268 रुपए खर्च करने होंगे।
अमेरिका को कुवैत में किसकी मुद्रा ज्यादा मजबूत
वहीं भारत की मुद्रा (Currency) की तुलना ज्यादातर अमेरिकी डॉलर से ही की जाती है और वहां भी भारतीयों को एक अमेरिकी डॉलर पाने के लिए 2023 में 83 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। वहीं अगर बात अमेरिकी डॉलर(American Dollar) और कुवैती दीनार की तुलना की की जाए तो यहां भी कुवैती दीनार काफी आगे है। आपको एक कुवैती दीनार पानी के बदले तीन अमेरिकी डॉलर(American Dollar)से ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं।
इस वजह से है कुवैत की मुद्रा सबसे ताकतवर
कुवैत एक ऐसा देश है जिसे तेल का भंडार वाला देश भी कहा जाता है। यह देश दुनिया भर के कई अन्य देशों को तेल निर्यात(Oil Export)करता है। यही एक खास वजह है की दुनिया भर में कुवैत की मुद्रा सबसे मजबूत और ताकतवर है।
दुनिया की 5 सबसे बड़ी करेंसी:
1- Kuwait Dinar(268₹)
2- Bahrin Dinar(218₹)
3- Omani Riyal(215₹)
4- Jordan Dinar(118₹)
5- Gibraltar Pound(105₹)
पहले आरबीआई (RBI) जारी करता था कुवैत की मुद्रा:
यह बातें आपको आश्चर्यचकित कर सकती है कि आज से 70 से 80 साल पहले कुवैत की मुद्रा भारत सरकार(Indian Goverment,RBI) के द्वारा जारी किया जाता था। उस वक्त कुवैत की मुद्रा को गल्फ रूपी(GULF RUPEE) कहा जाता था। उस समय तक कुवैत की मुद्रा बहुत हद तक भारतीय रुपए की तरह दिखती थी। मगर भारत में इसका उपयोग नहीं किया जाता था।
1960 से पहले कुवैत ब्रिटिश सरकार का गुलाम था। 1961 में कुवैत को आजादी मिली और उसके बाद 1963 में कुवैत में चुनाव हुए और सरकार बनी। कुवैत पहला ऐसा अब देश है जहां पर सरकार बनाने के लिए चुनाव हुए थे। बतादें कि पहले 1 दीनार की कीमत 13 रुपए थी। कुवैत ने पहली बार अपनी करेंसी (Currency) दुनिया के सामने 1960 में रखी थी। उस समय तक एक कुवैती दीनार की कीमत भारतीय में महज 13 रुपए थी।