न्यूज डेस्क: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से एक हफ्ते पहले कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। इसे “भारत जोड़ो न्याय यात्रा ” (Bharat Jodo Nyay Yatra) का नाम दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे द्वारा यात्रा को हरी झंडी दिखाकर मणिपुर की राजधानी इंफाल से रवाना किया गया। लोकसभा चुनाव के तीन महीने पहले शुरू की गई यह यात्रा पूर्व से पश्चिम की दिशा तय करेगी। 14 जनवरी 2024 से शुरू हुई यह यात्रा तकरीबन 67 दिन तक चलेगी, जिसका समापन 20 मार्च 2024 को मुंबई में किया जाएगा। यात्रा 15 राज्य और 110 जिलों के 337 विधानसभा सीटों को कवर करेगी। इस दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बस से और पैदल 6 हजार 713 किलोमीटर से ज्यादा का सफर करेंगे। यह मणिपुर से शुरू होकर नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से होते हुए महाराष्ट्र में खत्म होगी।
मणिपुर के लोगो का दर्द
मणिपुर में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भाजपा सरकार को निशाने पर लिया और मणिपुर की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए मणिपुर भारत में नहीं है। बताया की यह न्याय यात्रा भारत के लोगो के लिए निकाली जा रही है जो की सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक तौर पर घोर अन्याय से गुजर रहे हैं।
मणिपुर में पिछले 8 महीने से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 200 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं। जिससे सत्तारूढ़ दल यानी भाजपा के प्रति वहां के लोगों में आक्रोश पैदा हो गया है। जिसका फायदा कांग्रेस पार्टी उठा सकती है और इसी को ध्यान में रखते हुए हिंसा प्रभावित क्षेत्र थौबल से भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत की गई है।
भारत जोड़ो यात्रा का पहला चरण
इससे पहले राहुल गांधी के द्वारा 7 सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक तमिलनाडु के कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पदयात्रा की जा चुकी है। 145 दिनों की यात्रा में राहुल गांधी ने 3570 किलोमीटर का सफर तय किया जिसमें 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया था। भारत जोड़ो यात्रा के पहले चरण का समापन हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के साथ लाल चौक पर झंडा तोलन के साथ किया गया था। यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने अलग अलग धार्मिक स्थलों पर भी गए और वहां के वेशभूषा के मुताबिक नजर आए।
रागा को यात्रा के दौरान विपक्ष के नेता आदित्य ठाकरे, फारूक अब्दुल्लाह, सुप्रिया सुले, संजय राऊत समेत पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन का भी समर्थन मिला। यात्रा के पहले चरण से यह अनुमान लगाया जाता है की राहुल गांधी की छवि बेहतर हुई है और इसी का परिणाम है भारत जोड़ो न्याय यात्रा जिसे भारत जोड़ो यात्रा 2.0 (Bharat Jodo Yatra 2.0) भी कहा जा सकता है।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा से लोकसभा चुनाव कनेक्शन
2024 लोकसभा चुनाव के तीन महीने पहले भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत को आगामी लोकसभा चुनाव के मायने से जोड़ कर देखा जा रहा है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि यात्रा का चुनाव से कोई लेना देना नही है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा के द्वारा किए जा रहे अन्याय के खिलाफ है यह यात्रा। साथ ही कहा की संविधान की बुनियाद न्याय है, इसलिए ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाली जा रही है।
अगर बात करे तो भारत जोड़ो न्याय यात्रा उन राज्यों से होकर गुजरेगी जिसमे पिछले लोकसभा चुनाव कांग्रेस की स्थिति बेहद ही खराब थी। 15 राज्यों के 357 सीटों में मात्र 14 सीटे ही कांग्रेस जीत पाई थी। वहीं कई राज्य ऐसे भी हैं जिसमे कांग्रेस खाता तक नहीं खोल पाई थी। अमेठी लोकसभा सीट गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है इसके वावजूद भी पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
रणनीतिकारों की माने तो भारत जोड़ो न्याय यात्रा को पूरी तरीके से 2024 लोकसभा चुनाव से जोड़ कर देखा जा सकता है और यह यात्रा कही न कही कांग्रेस के लिए संजीवनी के तौर पर भी काम आ सकता है ।