रायपुर। भारतीय पारंपरिक कला और सांस्कृतिक विरासत के संवर्धन के उद्देश्य से संस्कार भारती छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा आयोजित दो दिवसीय पारंपरिक भू-अलंकरण (रंगोली) प्रशिक्षण कार्यशाला का भव्य शुभारंभ आज टाउनहॉल, नगर घड़ी चौक, रायपुर में हुआ।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री योगेश अग्रवाल (संरक्षक, संस्कार भारती छत्तीसगढ़ प्रांत) उपस्थित रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री शशांक शर्मा (अध्यक्ष, साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़) ने की।
विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती शैल दुलारी सार्वा (मातृशक्ति प्रमुख, छत्तीसगढ़ प्रांत) तथा श्रीमती सूर्यकांता कश्यप (प्रांत प्रमुख, भू-अलंकरण विधा, संस्कार भारती) उपस्थित रहीं।सभी अतिथियों ने अपने उद्बोधन में भारतीय लोककला, पारंपरिक विधाओं और सांस्कृतिक धरोहरों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने की आवश्यकता पर बल दिया और कार्यशाला की सराहना की।
कार्यशाला के पहले दिन प्रसिद्ध रंगोली कलाकार श्री उमेश पांचाल (मुंबई) ने छत्तीसगढ़ के लगभग 25 प्रतिभागियों को रंगोली कला का प्रशिक्षण दिया।
यह कार्यशाला 4 और 5 अक्टूबर 2025 को आयोजित की जा रही है, जिसमें 15 वर्ष से अधिक आयु के प्रतिभागी शामिल हो सकते हैं।
