October 17, 2024 4:51 am

Explore

Search
Close this search box.

Search

La Ruée vers la Richesse au i24Slots Casino: l'Expérience de Jeu Ultime sur le code promo i24Slots paiement rapide

Lorsque vous pénétrez dans l'univers captivant du sur le net i24Slots vip, vous serez immergé dans une atmosphère d'excitation et de chance. Les machines à sous innovantes et les jeux de table classiques vous offriront une expérience de jeu inégalée. Chaque tour de roue, chaque carte distribuée vous rapprochera un peu plus de la richesse tant convoitée. Au sur le net i24Slots vip, la promesse de gros gains et d'adrénaline est palpable à chaque instant.

La variété des jeux disponibles sur le avis i24Slots voir le réglement est impressionnante. Des machines à sous thématiques aux jackpots progressifs en passant par le blackjack et la roulette, il y en a pour tous les goûts et tous les niveaux de joueurs. Que vous soyez novice ou joueur aguerri, le i24Slots Casino saura vous séduire par sa diversité et sa convivialité. Chaque partie jouée est une chance de décrocher le gros lot et de vivre une aventure palpitante.

Les graphismes époustouflants et les effets sonores immersifs du i24Slots Site Web vous transportent dans un monde de luxe et de glamour. Chaque détail a été pensé pour offrir une expérience de jeu ultime où le divertissement est roi. Laissez-vous emporter par la magie des jeux proposés et vivez des moments intenses en quête de richesse et de succès. Sur le révision i24Slots mobile, la fortune n'attend que vous pour être conquise.

ताजा खबर
जीवन शैली

31 जुलाई : पढ़िए लंदन मे घुस जालियाँ वाला बाग हत्याकांड का बदला लेने वाले क्रांतिकारी के बारे में

31 जुलाई : पढ़िए लंदन मे घुस जालियाँ वाला बाग हत्याकांड का बदला लेने वाले क्रांतिकारी के बारे में
Facebook
Twitter
WhatsApp
Email

31 जुलाई : पढ़िए लंदन मे घुस जालियाँ वाला बाग हत्याकांड का बदला लेने वाले क्रांतिकारी के बारे में

31 जुलाई : “आतंकवादी और क्रांतिकारी में फर्क होता है. क्रांतिकारी प्रतीकात्मक कार्य करते हैं, अपने विरोध को रजिस्टर करने के लिए, वो आतंक से किसी को डराना या धमाकाना नहीं चाहता…” यह डायलॉग फिल्म सरदार उधम सिंह का है. जो की क्रांतिकारी सरदार उधम सिंह के जीवन पर फिल्माई गई है. स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देकर मां भारती के गौरव को गौरवान्वित करने वालों की सूची में एक नाम सरदार उधम सिंह का भी है. सरदार उधम वही है जिन्होंने लंदन में घुसकर जलियांवाला बाग के मुख्य आरोपी जनरल डायर को गोली मार उस भयानक नरसंहार का बदला लिया था.

सरदार उधम सिंह का जन्म 26 दिसंबर 1899 को पंजाब प्रांत के सुनान गांव में हुआ था. बचपन में सरदार उधम को सभी शेर सिंह का कर पुकारते थे. उधम के बचपन में ही उनके माता और पिता का निधन हो गया था. उसके बाद से सरदार उधम को भाई मुक्तासिंह के साथ अनाथालय में रहना पड़ा. इसी अनाथालय में ही बालक शेर सिंह का नाम बदलकर सरदार उधम सिंह होगया. अनाथालय में उनकी जीवन शैली सही चल रही थी कि इसी बीच उनके भाई का भी देहांत हो गया. सरदार उधम अब पूरी तरह से अनाथ हो चुके थे.

31 जुलाई : पढ़िए लंदन मे घुस जालियाँ वाला बाग हत्याकांड का बदला लेने वाले क्रांतिकारी के बारे में

13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड को सरदार उधम ने अपनी आंखों से देखा था. इस हत्याकांड में हुई निर्दोषों की हत्याओं को देख सरदार उधम का हृदय क्रोध से भर गया. और उन्होंने जलियांवाला बाग की मिट्टी को हाथ में ले प्रतिज्ञा की वह इस हत्याकांड का बदला जनरल डॉयर से अवश्य लेंगे. इसके बाद से उनके जीवन का लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला ले स्वतंत्रता संग्राम में एक नई क्रांति का संचार करना था.

अपने लक्ष्य को पूरा करने के उधम सिंह ने विभिन्न नामों से अफ्रीका, नैरोबी, ब्राजील और अमेरिका की यात्रा की.सन् 1934 में उधम सिंह लंदन पहुँचे और वहां 9, एल्डर स्ट्रीट कमर्शियल रोड पर रहने लगे. वहां उन्होंने यात्रा के उद्देश्य से एक कार खरीदी और साथ में को छह गोलियों वाली एक रिवाल्वर भी खरीद ली.अब वीर क्रांतिकारी, माइकल ओ’डायर को ठिकाने लगाने के लिए सही मौके का इंतजार करने लगे.

13 मार्च 1940 को रायल सेंट्रल एशियन सोसायटी की लंदन के काक्सटन हाल में बैठक थी. जहां माइकल ओ’डायर भी वक्ताओं में से एक था। मौके की तलाश में बैठे उधम सिंह उस दिन समय से ही बैठक स्थल पर पहुँच गए. उन्होंने एक मोटी किताब में अपनी रिवॉल्वर छिपा रखी थी. इसके लिए उन्होंने किताब के पृष्ठों को रिवॉल्वर के आकार में काट रखा था.

31 जुलाई : पढ़िए लंदन मे घुस जालियाँ वाला बाग हत्याकांड का बदला लेने वाले क्रांतिकारी के बारे में

बैठक के बाद दीवार के पीछे से मोर्चा संभालते हुए उधम सिंह ने माइकल ओ’डायर पर गोलियां दाग दीं. दो गोलियां माइकल ओ’डायर को लगीं जिससे उसकी मौके पर ही मौतहो गई. उधम सिंह ने वहां से भागने की कोशिश नहीं की और अपने आप को पुलिस के हवाले कर दिया. जेल पर पुलिस अधिकारियों ने उधम पर बहुत जुल्म किए. उधम पर मुकदमा चलाया गया. इसके बाद 4 जून 1940 को उधम सिंह को हत्या का दोषी ठहरा उन्हें फांसी की सजा सुना दी गई. 31 जुलाई सन 1940 को उन्हें पेंटनविले जेल में फांसी दे दी गई.

सरदार उधम के इस बलिदान ने अंग्रेजों के मन में भय पैदा कर दिया था और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नई ऊर्जा का संचार भी कर दिया था. भारत के युवा क्रांतिकारियों के लिए सरदार उधम का यह बलिदान प्रेरणा का स्त्रोत बन गया था. आज अमर शहीद सरदार उधम सिंह की 84 वीं पुण्यतिथि है इसलिए अंत वी एस मौर्य की प्रसिद्ध पंक्तियों के साथ ” शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,वतन पे मरने वालों का यही बाकीं निशां होगा”. शत-शत नमन वीर सरदार उधम सिंह को.

Rishi Raj Shukla
Author: Rishi Raj Shukla

ऋषि राज शुक्ला पत्रकारिता विद्यार्थी महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, राजनीति, फिल्म, खेल तथा तत्कालीन मुद्दों में खबर लिखने में विशेष रुचि.

Leave a Comment

विज्ञापन
तकनीकी
क्रिकेट लाइव स्कोर
वोटिंग पोल
2024 में केंद्र में किसकी बनेगी सरकार